एक दिन कंजूस रमण भाय के छोट भाई... अपन गर्लफ्रेंड संग घुमबाक लेल गेला.... रमण भाय के जखन पता चलल... भाय के एला पर...
रमण भाय : लाट साहब!! कतेक पाई उड़ा कs एला ???
हुनकर भाय : भैया मात्र “ढाई सौ.”
रमण भाय “ढाई सौ.” के नाम सुइन के नाराज़ भो गेला... आ अपन छोट भाई के गरियाबे लागला...
हुनकर भाय : आर की करतो भैया ??? हुनका लग बस एतबे छले......
रमण भाय : लाट साहब!! कतेक पाई उड़ा कs एला ???
हुनकर भाय : भैया मात्र “ढाई सौ.”
रमण भाय “ढाई सौ.” के नाम सुइन के नाराज़ भो गेला... आ अपन छोट भाई के गरियाबे लागला...
हुनकर भाय : आर की करतो भैया ??? हुनका लग बस एतबे छले......
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