प्रकाश भैया सभ दिन बैंक में ५-१० लाख
पाई जमा कराबे जैत छलखिन.... बैंक के मैनेजर के आश्चर्य भेलैन जे प्रकाश बाबू सभ
दिन एतेक पाई कते सँ आनैत छलखिन..... जिज्ञासा बस एक दिन मैनेजर प्रकाश भैया सँ
पुछालखिन... प्रकाश बाबू अहाँ एतेक पाई कते सs आनैत छी ???
प्रकाश भैया : मैनेजर साहब!!! हमर तें बस एके काज अछि, सभ दिन हम शर्त लगबैत छी आ शर्त जीत जैत छी....
मैनेजर के विश्वास नै भेल....
प्रकाश भैया : मैनेजर साहब!!! हमर तें बस एके काज अछि, सभ दिन हम शर्त लगबैत छी आ शर्त जीत जैत छी....
मैनेजर के विश्वास नै भेल....
मैनेजर : यो प्रकाश बाबू, अहाँ एहेन कुन शर्त लगबैत छी जे सभ दिन जीत जैत छी ????
प्रकाश भैया : मैनेजर साहब!!! चलू आय हम अहाँ सँ १० लाख के शर्त लगबैत छी, शर्त इ अछि जे... "अहाँ के नितंब पर एक फोड़ा अछि" आब शर्त इ अछि जे कैल्ह दिन में गबाहक रूप में हम दुई आदमी के अपन संग आनब.... हुनका अहाँ के अपन नितंब देखाबे परत....
यदि अहाँ के नितंब पर फोड़ा भेटल ते अहाँ हमरा १० लाख देब.... फोड़ा नै भेटल ते हम अहाँ के १० लाख देब ...... कहू मंजूर अछि ????
मैनेजर बुझैत छलाह जे हमरा नितंब पर कुनू फोड़ा नै अछि.... ओ ख़ुशी - ख़ुशी शर्त लगा लेलैथ....
दोसर दिन प्रकाश भैया के संग में दुई आदमी के आबैत देख कs मैनेजर के ख़ुशी के ठीकाना नै... मोने - मोन मैनेजर १० लाख के सपना देखा लागला...
प्रकाश भैया सभ जहिना बैंक पहुच्ला... मैनेजर हुनका सभ के अपन केविन में बजेलैथ... आ अपन पेंट खोइल के देखा देलखिन जे देखू.... हमरा नितंब पर फोड़ा नै अछि... आय अहाँ हारलों... १० लाख टका दिअ....
मैनेजर जहिना पेंट खोलला... प्रकाश भैया के संग बाला दुनु आदमी बेहोश!!!!!
प्रकाश भैया ख़ुशी - ख़ुशी मैनेजर के १० लाख टका देलखिन आ जोर - जोर सँ हँसे लग्लैथ.......
मैनेजर : प्रकाश बाबू आय किएक हँसे छी यो ??? आय ते अहाँ अपन शर्त हैर गेल छी ????
प्रकाश भैया : मैनेजर साहब!!! अहाँ के बुझल अछि जे इ दुनु आदमी किएक बेहोश भेल ??? हम हिनका दुनु आदमी सँ ४० लाख के शर्त लगेना रही जे बैंक मानेजर के अहाँ सभ के सामना में नागट करब.... अहाँ के नागट के कs हम अपन शर्त जीत गेलो....
अहाँ के १० लाख देला के बाबजूद ३० लाख हम जीतलों तही लेल हम हँसैत छी....
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