Pages

Monday, December 19, 2011

Maithili chutkula


 Radio me mausan laga diya


Radio ka dukan मुकेश विरेन्द्र जी एक दिन अपन रेडियो ठीक करबे लेल हेमानन्द भाय के ओत पहुचला ........मुकेश विरेन्द्र जी :- हेमानन्द भाय कनि एकरा देख लियो इ नहीं चली रहल याहेमानन्द भाय :- खोइल क देखला और कहखिन इ ठीक या मौसम खराब के चलते नहीं चले यामुकेश विरेन्द्र जी :- आहा की की होय या हम पाई नहीं देब इ लिय 100 रूपया और हमरा रेडियो में मौसम नया लगा लगा दिय  
 Malik hum ta murga chhi


मुकेश वीरेंद्र जी मुर्गी फॉर्म खोल्लैथ मगर बहुत घाटा में चले छ्लेथ ओ मुर्गी के कहलखिन कैल स तु सब दु टा क अंडा दिहें नहीं त हम तोरा कैट देबो
प्रातः काल मुकेश वीरेंद्र जी गेला और देखलखिन सब मुर्गी दु-दु टा अंडा देलक मगर ओही में एक टा, सिर्फ एक टा अंडा देलक,

मुकेश वीरेंद्र जी पुछलखिन की रओ तोरा डर नहीं होय छो की,

ओ डरैत-डरैत बाजल - मालीक ....! एह्हो अंडा हम आहा स डर के देलो हन, ओना हम त मुर्गा छी

हेमानन्द भाय एक दिन मुकेश जी के दुकान पर गेला और कहल खिन.......

हेमानन्द भाय :- मुकेश जी आहा हमरा एक लेडिज और एक जेन्ट्स हीटर दिय ठण्ड आबी गेल।

मुकेश जी :- हीटर में लेडिज और जेन्ट्स थोरे नै होय छै, आहा की बकलेल वला गप करे छी

हेमानन्द भाय :- होय अछी यओ मुकेश जी, एक उषा के द दिय और एक बजाज के द दिय !

Sakri Chini Mil ka bamba

दरभंगा मे डाक्टर लग एकटा बताह के ईलाज चलैत छल। छह मास धरि ईलाज चलला के बाद डाक्टर साहब कहलखिन्ह जे आब इ ठीक भ' गेला। मरिज के गार्जियन पूछलकै से कोना? डाक्टर साहब कहलखिन्ह जे देखियौ एखन हिनका सँ गप्प क' के देखबै छी।

डाक्टर साहब- "की यौ अहाँ के की नाम अछि?"

मरीज- "जी हमर नाम अपेश झा भेल।"

डाक्टर साहब मुस्की दैत गार्जियन के कहलखिन्ह देखलियै ठीक भ' गेला ने।

गार्जियन- "औरो किछ पुछियौ ने।"

डाक्टर साहब- "अच्छा, इ बताउ हमरा चिन्है छी?" अपेश जी- "हाँ यौ, अहाँ त' सकरी चीनी मिल के बम्बा छी।"

गार्जियन- "की डाक्टर साहब, आब कहू। हमरा त' देखैत देरी इ काल्हिये सँ इंडिया गेट कहै छैथ आओर जबर्दस्ती दूनु टाँग देने ढुक' लागै छैथ।



रामउदार मास्टर साहेब के लोटरी लागलैन २ करोर के.... लेकिन कियो बेटा पूतौह सब ई खबर हुनका नई सुनबैन जे कंही एतेक बुढ आदमी छैथ हार्ट -अटैक नहीं भ जाईन सुनिक...

आखिर में एगो निर्णय लेल गेल जे सहर सँ एगो निक डाक्टर के बजायेल जाय आर  ओकरा सामने में ठार क क ई खबर हुनका सुनाइल जाय... ताकि हार्ट -अटैक एला पर बचा लेल जेतैन !

डाक्टर आयल घरक लोग के कहलखिन जे आन्हा सब चिंता नहीं करू कुछी नई हुअ देबैन हम हम खुदे हुनका... ई खबर सुनेबैन

डाक्टर साहेब मास्टर जी लग गेला .......

पहिने इम्हर-उम्हर के बात क क फेर कहलखिन जे " बाबा आन्हा के नाम २ करोड़ के लोटरी लागला !

मास्टर जी :- अच्छा ! लेकिन हम ई उम्र में एतेक रुपया लाका की करब से आन्हा के आधा हम द देब........

डाक्टर साहेब एतेबा सुनैत देरी चारू- नाले चित्त भ का खैस परला आ हुनका प्राण छुइट गेलैन..

0 comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.