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Friday, December 23, 2011

EKTA CHHALA GONU JHA


गोनू झा आ नौआ


गोनू झा एकबेर बहुत दिनक बाद अपन जजमनिकासं घुरल आबैत छलाह | बाटमे हाट देखि ठमाकि गेलाह | माछक बाजार मे माछक अम्बार देखि मोन पनिया गेलनि | बटुआ टोलनि | भरल छलनि | जजमान कयनहुरहनि बेस बिदाइ | कराचुर एक मासक बिदाइ रहनि बटुआमे | चट अपन पसिन्नक रोहु माछ तौलबाक हेतुमलाहकेँ कहलनि | जीबैत माछ छहछह करैत |

मलाह परिचित रहनि | माछकेँ नीक जकाँ तौलि दमगरसं खोंचरिमे बान्हि थमहा देलकनि | गोनू बाबु ओकरा पाइथम्हा गदगद होइत गाम विदा भेलाह | मोन तिरपित रहनि | आजुक भोजनक कल्पना करैत रहलाह | बेर - बेर जजमानकेँ आशीर्वाद दैत रहथिन | अतेक दिनुका बाद गोनूकेँ घुरल देखि, सेहो माछक संग, पत्नी तs बुझू जे नाचि उठलथिन |

कि थोड़वहि कालक बाद देखैत छैथि जे गामक नौआ आबि रहल अछि | लग आबि प्रणाम कयलकनि मुदा ओकरनजरि रहैक खोंचरि पर | नौआ जखनहि प्रणाम कयलकनि कि गोनू बाबू हालचाल पुछलथिन - कहह, गाम घरक हालचाल!

ओ एहिपर मूँह लटका लेलक | गोनू बाबूकेँ किंचित चिन्ता भेलनि | भs सकैछ, घरमे एकरा किछु भs गेल होइक | ओ आत्मीयताक संग पुछलथिन | नौआ चुप्पे रहल | क्रमशः ओकर मूँह लटकैत जैत रहैक |

कतेक कालक आग्रह - अनुरोधक बाद नौआक बकार खुजलैक जकर निचोर रहैक जे एखनहि थोड़ेक काल पहिने गोनू बाबुक पत्नीक देहांत भs गेलनि | चोट्टहि लोक हुनक दाह - संस्कारसं घुरल अछि |

गोनू बाबू गाछसं खासलाह | आब कि होयत | हमरा तं दुनियेँ अन्हारे भs गेल | आब ककरा लेल ई देह | ककरा ला इच्छा - आकांक्षा गोनू बाबू किछु नहि बाजि सकलाह | बड़ी काल धरि ठकमुड़ी लागल रहनि |

अंततः गहवरित कंठे नौआकैँ माछ दैत कहलथिन जे लैह ई आब तोंही | हम आब कतs आ ककरा लेल लs जायबके खायत एहि छुतकामे |

गोनू बाबू जतबहि प्रसन्नचित रहथि, ततवहि दुखी होइत घर दिस बढ़ैत गेलाह | डेग नहि उठैत रहनि |

मुदा जखन आँगन पहुँचलाह पंडिताइनकेँ देखि तराटक लागि गेलनि | तुंरत बात छनकलनि | जरुर नौआक नंगटेअछि | माछक कारणे हमरा अतेक पैघ अनिशटक गप कहि माछ टानि लेलक |

बात आयल - गेल, ख़तम भs गेल | फेर वैह गोनू झा आ वैह नौआ | नौआ बुझलक गोनू बाबू हँसोर लोक तेँ हँसी कयलियनि | गोनू झा बुझलनि जे नौआ छी | पसारी छी | कोनो बात नहि |

किछु दिनक बाद गोनू बाबूकेँ कुठाममे गूड़ भs गेलनि | ओ खाट धs लेलनि | ने उठि होनि आ ने निन्न होनि |

गूड़ जखन पाकि गेलनि तs नौआकेँ कहा पठाओलनि जे आबि कनी मुहँ बना देत | नौआ गोनू बाबूकेँ ठकने रहनिमुदा ओ किछु नहि कहलथिन | एखन कष्टमे छथि, तs हमर कर्त्तव्य अछि जे यथासाध्य सहयोग करियनि |

ओ गोनू बाबूक घर पहुँचल गोनू दर्दसं बाप - बाप कs रहल रहथि | ओ इशारा सं गूड़क स्थान कहलथिन |

नौआ लोहखर खोलि निधुरिकs गूड़क मुहँ बनबs चाहलक | गोनू दर्दसं मर्माहत रहितहु संकेत सं पुनः कहलथिनजे खाटक नीचां बिनु पैसने नहि भs सकैत छह |

नौआ खाटक तरमे घुसियायल आ चित्त भs जखनहि लहरनि हाथमे लs तैयार भेल कि................. . . . .

नौआ बाप - बाप करैत ओतsसं भागल आ पोखरिमे जा अरकिs खसल |

गोनू झाक झोरी


गोनू झा रहथि दरबारी | अपन बुद्धि - विलाससं राजाकेँ प्रसन्न कयने रहैत छलाह आ पुरस्कारस्वरूप बेस धन - अर्जन कs लैत छलाह | आ तेँ हुनका ओतs चोरक खूब उपद्रव रहैत छल |

एक बेर गोनू झा दुनू प्राणी घरमे सुतल छलाह | तखने चोरबा सभ सेन्ह काटि घरमे प्रवेश कयलक | देखलक जे एखन दुनू प्राणी आपसमे गप्प सप्प कs रहल छथि | हुनका दुनूकेँ सुतबाक प्रतीक्षामे ओ सभ कोठीक पाछू नुकाकs बैसि रहल आ दुनू प्राणीक गप्प सप्प सुनs लागल |

गोनूक घरवाली गोनूसं कहलथिन जे आइ - काल्हि चोरक उपद्रव बड़ बढ़ी गेल अछि अहाँकेँ कहियासं कहैत छी जे कमसं कम गहना - गुड़ियाकेँ तं निजगुत ठाम राखि लितहूँ |

गोनू झाकेँ घरमे चोरक आभास लागि गेल छलनि | ओ आस्वस्त होइत पत्नीसं कहलनि - अहाँ ऐ लय निश्चित रहू | हम तकर इन्तजाम कs लेने छी |

- तs एखन धरि हमरा कहलहूँ नहि?

- ' अरे, से कहबाक पलखति कतs भेटैत रहय ततेक ने झंझटि सभमे बाझल रहैत छी जे............'

- तs कोन इन्तजाम कयलिऐ?

- पहिने ई कहू जे अहाँ लग आर की सभ अछि?

- हमरा लग आब आर की रहत छाउर!! जे किछु छल, सभ तs अहीं के दs देलहूँ |

- तs सुनू | हम सभटा गहना - गुड़िया के झोरी सभमे धs कs पछुआड़ महक लताम - गाछ पर लटका देलहूँ अछि |

- तखन तs चोरबा सभ.........

-आयत तs खसत मूँहे भरे | तेहन ठाम ने धs देलिये जे चोर की चोरक बापोक नजरि ओतs नहि जयतै |

दुनू प्राणी गप्प चोरबा सभ बड़ मनोयोगपूर्वक सुनैत छल | मोने - मोन ख़ुशी सेहो भs रहल छल | जखन दुनू प्राणी निसम्बद्ध भs गेलाह ओ सभ एक - दोसरसं संकेतमे गप्प कयलक आ सहें - सहें घरसं बहरा गेल |

बाहर जखन आयल तs गोनू झाक बात सत्य प्रतीत भेलै | लतामक गाछ पर ठाम - ठाम झोरी लटकल देखलक | कि आब देखलक ने ताव, सभ छरपि गेल गाछ पर आ बाप - बाप करैत, गोनूक खानदानकेँ उखिलैत सभ बाहर निकलबाक प्रयास करैत रहल | मुदा लाख प्रययासक बादो गोबरक कुण्डसं नहि बहरा सकल | छलै के तेहन विशाल ढ़ेरी जे......

भिनसरे गोनू लोटा लs कs नदी दिस जयबाक हेतु बहरयलाह तs देखलनि जे चोरबा सभ अधमरु भेल गोबरमे कुहरि रहल अछि आ लतामक गाछ परक सभटा मधुमाछी, बिढ़नी - आ पचहिया ओकर सभक शरीरक विभिन्न अंग पर लुबधल छैक |

गोनू झा चुटकी लैत पुछलथिन - की यौ चोर बाबू सभ | गाछ पर टांगल हमर झोरी सभ कतs निपत्ता कs देलहूँ?

आ उत्तरक बिनु प्रतीक्षा कयने नदी दिस विदा भs गेलाह |

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